त्रिभुवनस्वयंभू!
त्रिभुवनस्वयंभू Son of the poet Svayambhu. कवि स्वयंभू के पुत्र जिसने वृहत्सर्वज्ञसिद्धि की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिभुवनस्वयंभू Son of the poet Svayambhu. कवि स्वयंभू के पुत्र जिसने वृहत्सर्वज्ञसिद्धि की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रैराशिक Rule related to three mathematical quantities. गणित संबंधी तीन राशियाँ- प्रमाण , फल व इच्छाराशि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
च्युत शरीर Expired body. कदलीघात मरण के बिना कर्म के उदय से झड़ने वाले आयुकर्म के क्षय से अपने आप पतित शरीर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्श निक्षेप – Sparssana Niksepa. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
त्रिवेद The three Vedas, classification of three genders. स्त्री वेद, पुरूष वेद, नपुंसक वेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेणु – Venu. Name of a deity of Ratnakut (summit) of Manushattar mountain, A protection deity of Shalmali tree, Acelestial deity (Indra) of Suparnakumar, A city of northemVijayardhmountain. मानुषोत्तर पर्वत के रत्नकूट का एक देव , शाल्मली वृष का रक्षक देव, सुपर्णकुमार भवनवासी देवो का इन्द्र, विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष – Sparssa. Touch, contact.छूना, स्पर्षन इन्द्रिय का विषय, यह 8 प्रकार का होता हंै- उष्ण, शीत, रुक्ष, स्निग्ध, कोमल, कठोर, लधु और गुरु।
दिक् Directions, A mountain situated in Lavan ocean. दिशाएँ, लवण समुद्र में स्थित एक पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विनम्र : == सयणस्स जणस्स पिओ, णरो अमाणी सदा हवदि लोए। णाणं जसं च अत्थं, लभदि सकज्जं च साहेदि।। —भगवती आराधना : १३७९ निरभिमानी मनुष्य जन और स्वजन, सभी को सदा प्रिय लगता है। वह ज्ञान, यश और संपत्ति प्राप्त करता है तथा अपना प्रत्येक कार्य सिद्ध कर…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल सूक्षम – Sthuula Suuksma. Disappearable bulky image of something which can only be seen (like shadow, smoke, sunlight etc).स्कंध के 6 भेदो मे एक भेद। जो स्कंध चक्षु इन्द्रिय के द्वारा ग्राहा होकर भी अन्य इन्द्रियो से ग्रहण नही किये जा सकते है। जैसे-छाया, धूप, चांदनी आदि।