पर!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर: Another.दूसरा ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखनिर्विष ऋद्धि–Mukhanirvisha Riddhi. A type of super natural power of making poisionless. जिस ऋद्धि के प्रभाव से उग्र विष से मिला हुआ आहार भी जिनके मुख में जाकर निर्विष हो जाता है अथवा जिनके मुख से निकले हुए वचन के सुनने मात्र से महाविष व्याप्त भी कोई व्यक्ति निर्विष हो जाता है”
चित्रा पृथिवी Name of an earth of middle universe with 1000 Yojanas. मध्यलोक की १००० योजन मोती पृथिवी का नाम यह चित्र विचित्र अनेक धातुओं , मणियों से युक्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पभोसा (तीर्थ):Name of a pace of pilgrimage which is the institution & Omniscience place of the 6th Tirthankar (Jaina Lorde) Padmaprabh situated near Kaushambi (U.P) उत्तर प्रदेश में कौशम्बी के निकट बसा एक तीर्थ । छठे तीर्थकर भगवान पदमप्रभ की दीक्षा एवं केवलज्ञान कल्याणक भूमि । पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्लेच्छ खण्ड–Mlechha Khand. Particular parts of earth according to Jain Philosophy where Mlechha people live. म्लेच्छ मनुष्योंकी आवास भूमि”
चन्द्रकान्त A king of Yadu dynasty. वासुदेव का पुत्र. यदुवंश का राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधि संधारणता – Samaadhi Sandhaaranataa. Engrossment into deep meditation for holy death. समयक् प्रकार से समाधि धारण करने की भावना का नाम समाधि संधारणता है। इससे तीर्थकर नामकर्म का बंध होता है। षट्खण्डागम सूत्र मे सोलहकारण भावनाओ मे यह एक भावना कही है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मावती कल्प:A book written by Mallishen Bhattarak. मल्लिषेण भटटारक (ई0 श0 11) कृत तान्त्रिक ग्रंथ ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षमार्ग प्रकाशक–Mokshmarg Prkashak. Name of a book written by Pandit Todarmalji. प. टोडरमल जी द्वारा रचित एक ग्रंथ”
चर्याश्रावक Observance of a householder. अभ्यासी श्रावक का आचरण ; दर्शन प्रतिमा से अनुमति त्याग प्रतिमा तक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]