त्रिलक्षण कदर्थन!
त्रिलक्षण कदर्थन A book written by Patrakesari no.1. पात्रकेसरी नं- 1 (ई.श. 6-7) ,द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलक्षण कदर्थन A book written by Patrakesari no.1. पात्रकेसरी नं- 1 (ई.श. 6-7) ,द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधिक जघन्य – Saadhika Jaghanya. Some more than lowerst. जघन्य से कुछ अधिक ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ तत्व:Another name of ‘Shuddopayog (supreme ele-ment).शुद्वोपयोग का अपरनाम ।
तेला व्रत Three days vow (fasting). एक दिन एकाशन के बाद तीन दिन का उपवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
फ The 22nd consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का बाईसवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तीन- चैबीस व्रत A type of fasting to be observed for 3 years on a particular day. लगातार तीन वर्ष तक भाद्रपद कृ. 3 उपवास करना। अथवा तीन चैबीसी के 72 तीर्थकरों से संबंधित 72 व्रत करना। व्रत के दिन उन – उन तीर्थंकर के नाममंत्र का जाप्य करना । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऊहापोह Uncertainty, In-decision. हेतु का लक्षण अनिश्चय की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]