निसर्ग क्रिया!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसर्ग क्रिया – Nisarga Kriyaa. Encouraging for the sinful or wrong activities, Abetting. आस्रव को बढ़ाने वाली श्रावक की 25 क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया; जो प्रवृत्ति पाप का कारण है उसमें सम्मति देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसर्ग क्रिया – Nisarga Kriyaa. Encouraging for the sinful or wrong activities, Abetting. आस्रव को बढ़ाने वाली श्रावक की 25 क्रियाओं में सत्रहवीं क्रिया; जो प्रवृत्ति पाप का कारण है उसमें सम्मति देना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरजा – Viraja. Name of the prime city in Nalin Kshetra (region) ‘of west videh (region), Name of a vapi (like large lake) situated in southern Nandishvardvip (is- land). अपर विदेह के नलिन क्षेत्र की प्रधान नगरी, नन्दीश्वर द्वीप की दक्षिण दिशा में स्थित वापी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनालोच्य) – Vachan (Anaalochya). False interpretation of something. असत्य वचन के 4 भेदों में एक भेद ; विपरीत सत् पदार्थ का प्रतिपादन करना ” जैसे – बैल है उसका विचार न कर यहाँ घोडा है ऐसा कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्क्रियत्व शक्ति – Nishkriyatva shakti. Supreme power of inactivity (of Siddhas). समस्त कर्मों के अभाव से प्रवृत्त आत्मप्रदेशों की निस्पन्द्ता स्वरूप निष्क्रियत्व शक्ति है, जो कि सिद्ध अवस्था में प्रगट होती है “
देवपुत्र Name of the 6th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] A worshipper of Lord Arihant. भावीकालीन छठवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्द्य –Vandya.: Praiseworthy , Worthy of honour , Adorable . पूज्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्कम्पता – Nishkampataa. Steadiness in faith and austerity including self discipline and self control. स्थिर, चंचलता से रहित, दृढ़ बने रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिथिल श्रद्धानी – Shithila Shraddhaanee. Inert one in pursuance of reverential right faith. वेदक या क्षयोपशम सम्यग्दृष्टि; चल, मलिन और आगाढ़ दोष के कारण तत्वार्थ श्रद्धानमरण जो शिथिलग्राहीहोता है (वृद्ध की लाठी की तरह) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय साधु – Nishchaya Saadhuu. The perfect saint. जो अनन्तज्ञानादि स्वरुप शुद्धात्मा की साधना करते हैं “