शास्त्रार्थ!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रार्थ – Shaastraartha. Religious interpretation or a doctrinal debate. वाद, धर्म प्रभावना के अर्थ में किया जाने वाला वाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्रार्थ – Shaastraartha. Religious interpretation or a doctrinal debate. वाद, धर्म प्रभावना के अर्थ में किया जाने वाला वाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय व्रत – Nishchaya Vrata. Self realization, the super character of one. शील अर्थात् अपनी आत्मा से अपनी आत्मा में प्रवृति करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शालवन – Shaalavana. The initiation forest of Lord dharmanath. तीर्थंकर धर्मनाथ के दीक्षा वन का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय पूजा – Nishchaya Poojaa. To acieve the super knowledge of self. मुनि अवस्था में “जो परमात्मा है वह ही मै हूँ तथा जो स्वानुभवगम्य मै हूँ वही परमात्मा है, इसीलिए मै ही मेरे द्वारा उपासना के योग्य हूँ” ऐसा विचार करना ” अर्थात् आत्मा के ध्यान में एकाग्र हो जाना “
दुःखरूप Irksome, Troublesome, Distressing. हिंसादि पाप दुःख के कारण होने से दुखरूप कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपादेयबुद्धि Useful right knowledge . सम्यग्दृष्टि हेय को छोड़कर ग्रहण करने योग्य पदार्थ को ग्रहण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिव्याष्टगुण Eight virtues of salvated one. सिद्ध परमेष्ठी के 8 गुण अनंतज्ञान, अनंतदर्शन, अव्याबाधत्व, सम्यक्त्व, अवगाहनत्व, सूक्ष्मत्व, अगुरूलघुत्व , अनंतवीर्य ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक शरण –Laukika Sharan The worldly shelter of powerful one(i.e. God ,ruler etc.). राजा ,देवता आदि की शरण “जीव ,अजीव ,मिश्र इसके तीन भेद हैं “
दानांतराय A type of obstacle related to donation. अंतराय के पाँच भेदों में से एक जिसके उदय से मनुष्य दान देने की इच्छा करता हुआ भी नहीं दे पाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]