वीतराग सम्यग्दृष्टि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दृष्टि –VitaragaSamyagdrsti. One having right spiritual knowledge. निश्चय सम्यग्दृष्टि, जो वीतराग सम्यग्दर्शन से सहित होते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दृष्टि –VitaragaSamyagdrsti. One having right spiritual knowledge. निश्चय सम्यग्दृष्टि, जो वीतराग सम्यग्दर्शन से सहित होते है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदाति सेना: A part of army ( a troop). सेना की 7 कक्षाओं में एक कक्षा, इसमें पैदल सैनिक होते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिरेक द्रष्टांत – Vyatireka Drstainta An illustration pertaining to absence of goal showing absence of means (i.e. absence of fire shows absence of smoke). द्रष्टांत के दो भेदों में एक भेद, जहां साध्य के अभाव में साधन का अभाव बताया जाता है ” जैसे-जहां धूम नहीं है वहां अग्रि नहीं है, जैसे…
गरूड़व्यूह A kind of strategy (reg. army). एक विशिष्ट सैन्य-व्यूह, ऐसी रचना चक्रव्यूह को भंग करने के लिए की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्ववत् अनुमान – Poorvavat Anumaana. Predetermination of any result according to the previous experience, the senseful inference. स्वार्थानुमान के तीन भेदों में से एक भेद; जिसने अग्नि से निकलते धूम को पहले देखा है , उस व्यक्ति के द्वारा पुनः धूम को देखकर यहाँ अग्नि है ऐसा अनुमान कर लेना पूर्ववत् अनुमान है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पत्रपरीक्षा:Name of a book written by Acharya Vidyanand. आचार्य विद्यानन्द (ई0 775-840) कृत एक ग्रथ ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमदन्गि–Yamadgini. Father’s name of Parshuram. परशुराम के पिता का नाम”
गंगादास Disciple of Dharmachandra Bhattarak. धर्मचंद्र भट्टारक के शिष्य ई.सन् १६९०-१६९३ सम्मेद विलास ,सम्मेदशिखर पूजा, श्रुतस्कंध पूजा आदि के कर्ता । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व – Poorva. A particular time unit, 14 particular parts of scriptual knowledge (Shrutgyan). (1) काल का एक प्रमाण विशेष; 84 लाख पूर्वाङ् प्रमाण काल , (2) श्रुतज्ञान का एक भेद – जिसमें उत्पाद, व्यय, ध्रोव्य आदि की प्ररूपणा की जाती है उसे पूर्व कहते हैं” इसके 14 भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पट्टावली:Different traditional of Acharyas. आचार्याे की परम्परा के नाम ।