रसाधिकाम्मोद!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिभद्र–Munibhadra. Name of a Acharya. एक आचार्य (ई. सन1350–1390) जिनके शिष्य ने पर्मात्मप्रकाश ग्रंथ पर कन्नड़ टीका लिखी है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपसत्य – 10 प्रकार के सत्यभाशण में एक। इसमें पदार्थ के न हाने पर रूप मात्र की अपेक्षा उसका कथन करना।जैसे – चित्र में बने पुरूश को पुरूश कहना। Rupasatya-Description of something by general outline
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == धैर्यवान : == विसयजलं मोहकलं, विलास बिव्वो अजलयराइन्नं। मयमयरं उत्तिन्ना, तारुण्ण महन्नवं धीरा।। —इन्द्रियपराजयशतक : ४३ जिसमें विषयरूपी जल है, मोह की गर्जना है, स्त्रियों की विलासभरी चेष्टा रूप मत्स्य आदि जलचर जीव हैं और मद रूपी जिसमें मगरमच्छ रहते हैं ऐसे तारुण्य रूपी समुद्र को धीर पुरुषों…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांतव देव – सातवे स्वर्ग के निवासी देव। Lamtava Deva-The deities of the 7th heaven
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोक्त्रत्व:Power of experiencing joy & sorrow. जीव की सुख-दुःख भोगने की शक्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिभा संस्कारारोपण पूजा – Pratibhaa sanskaaraaropana poojaa. A worshipping hymn composed by Acharya Indranandi. आचार्य इन्द्रनन्दि द्वारा रचित एक पूजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबंध्य – Pratibandhya. Restricted, Prohibited. प्रतिबंधन अथवा बंधन के योग्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिनीत – Pratineeta. An infraction of paying reverence disobedience. वन्दना का एक अतिचार; गुरु की आज्ञा से प्रतिकूल आचरण करना “