बुध्द्ववीर्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध्द्ववीर्य – Buddhavirya. Name of the questioner of Lord Pushpadant. तीर्थकर पुष्पदंत के समवसरण में मुख्य प्रशनकर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध्द्ववीर्य – Buddhavirya. Name of the questioner of Lord Pushpadant. तीर्थकर पुष्पदंत के समवसरण में मुख्य प्रशनकर्ता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पर परिहार विरोध :Mutual repelling of Virtues for knowing their existence.गुणों का एक दूसरे के साथ परिहार करके उनका अस्तित्व मानना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्माल:A city in the north of Vijayardh (mountain). विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्याणुव्रत – Brahmacaryanuvrata. Vow of partial celibacy, to limit the desires with own wife only. ५ अणुव्रतों में व्रत; एक देश ब्रम्हचर्य पालना अथवा स्वदारसंतोंष रखना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार स्थिति बंध – Bhujagara Sthiti Bamdha. Binding of durational bondage of Karma increase- ingly. जहां पहले कम स्थिति बंध होता था, आगे व्रद्धि के साथ स्थिति बंध होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मवान् : Name of a region of Western Videh (region), A summit of Vikritvan Vakshar, Nabhigiri mountain of Ramyak Kshetra (region) अपर विदेह स्थित एक क्षेत्र, विकृतवान् वक्षार का एक कूट, रम्यक क्षेत्र का नाभिगिरी ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अस्तित्व – Bhava Astitva. A property of matter related to its eternal exist- ence. द्रव्यों के ६ सामान्य गुणों में एक गुण, जिसके निमित्त से द्रव्य का कभी नाश नहीं होता “
त्रिदंशजय A king of Ikshvaku dynasty. इक्ष्वाकुवंश का एक राजा । अंत में पुत्र को राज्य सौंपकर दीक्षा ली थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्ममाल: Name of the 23rd Patal (layer)and its Indrak of saudharma heaven, A kind of Kuru dynasty. सौधर्म स्वर्ग के 23 वाॅं पटल व उसका इन्द्रक, कुरू वंश का एक राजा
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरक–Merak. Name of the 3rd Pratinarayan. तीसरा प्रतिनारायण, मेरूक और मधु इसके अपरनाम थे”