रोमज वस्त्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोमज वस्त्र – वस्त्र के पांच प्रकारो अंडज, वोडज, रोमज, वक्कज, चर्मज में एक प्रकार, उन से बने वस्त्र। Romaja (vastra)-Woolen clothes
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोमज वस्त्र – वस्त्र के पांच प्रकारो अंडज, वोडज, रोमज, वक्कज, चर्मज में एक प्रकार, उन से बने वस्त्र। Romaja (vastra)-Woolen clothes
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भेदोपचार:Statement of something on the basis of its nature. उपचार का भेद; गुण, गुणी में भेदकर के कहना भेदोपचार है ” इसे सद्भूत व्यवहार भी कहते हैं क्योंकि गुण, गुणी का तादात्म्य सम्बंध पारमार्थिकहै “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेणुका – विदेह क्षेत्र में स्थित 13 वें तीर्थकर चन्द्रबाहु की माता का नाम। Renuka-Mother’s name of 13th Tirthanakar (Jaina lord) of videh kshtera (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाद्य – Pratipaadya. Expounded, Established. प्रतिपादित, प्रस्तुत, प्रदर्शित “
द्रौपदी Wife of Arjun (the daughter of king Drupad). अर्जुन की पतिव्रता स्त्री, राजा द्रुपद की पुत्री । वैदिक महाभारत में द्रौपदी को पाँचों पाण्डवों की पत्नी स्वीकार किया है परन्तु जैन महाभारत (हरिवंशपुराण) में द्रौपदी को मात्र अर्जुन की पत्नी महान शीलवती नारी कहा है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिचंद्र – Pratichandra. A king of Vanara dynasty. वानरवंस का एक राजा ” अंत में दीक्षा लेकर मोक्ष गये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतराकाश – Prataraakaasha. Extensive area of space (Akash). सर्व आकाश के लम्बे चौड़े प्रदेशों के माप मात्र आकाश, जो 7×7=49 राजू है “
द्रव्य शल्य Physical sting, physical thorn (related to Karmas). मिथ्यादर्शन, माया, निदान ऐसे तीन शल्यों की जिन से उत्पत्ति होती है ऐसे कारणभूत कर्म को द्रव्यशल्य कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदत्त – Puspadatta. Name of the 7th Narayan. ७वें नारायण का नाम “