वात!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वात – Vaata.: Air,Wind,Breeze . वायु “औदारिक शरीर में रहने वाली 7 उपधातु में एक धातु “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वात – Vaata.: Air,Wind,Breeze . वायु “औदारिक शरीर में रहने वाली 7 उपधातु में एक धातु “
एकदशांगधारी Acharyas possessing knowledge of 11 Angas (scriptural knowledge). 11 अंगधारी 5 आचार्य- नक्षत्र, यशःपाल, पाण्डु, ध्रुवसेन और कंस।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दर्शन गुण Characteristics of the right faith.प्रशम, संवेग, आस्तिक्य, अनुकंपा ये 4 सम्यग्दर्शन के गुण हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचा वसति संस्तर विवेक – Vaachaa Vasati Sanstara Vivek.: Discrimination related to hermitage or place (abandonment of hermitage & resting means) विवेक का एक भेद, मैं इस वसति व संस्तर का त्याग करता हूं , ऐसे वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचस्तूपसंघ – Panchstoopasangha. Name of the group of Acharya Veersen. प्रसिद्धधवलाकार आचार्य श्री वीरसेन (ई. 770-827) स्वामी का संघ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचक –Vachaka.: One well versed in 12 Angas (Shrutgyan-scriptural knowledge),Speaker,Important words. 12 अंग का ज्ञाता वाचक कहलाता है, बोलने वाला (वक्ता ) अथवा महत्वपूर्ण शब्द “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिर – Panchashira. Ruling deity Nagendradev of Vajraprabh summit situated at Kundal mountain. कुंडल पर्वत पर स्थित वज्रप्रभकूट का स्वामी नागेन्द्रदेव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीमती – Shreematee. A respectable addressing word for a woman, The grandmother of Lord Mahavira. स्त्रियों के लिए आदर-सूचक शब्द, राजा सर्वार्थ की रानी भगवान महावीर की दादी “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यति सम्मेलन– Yati Sammelan. Conference of saints. दिगम्बर जैन सभी साधुओ (चतुर्विधसंघो) का एक जगह एकत्रित होना, मिलना” प्रति पाँच वर्ष में युगप्रतिक्रमण के नाम से संघों के मिलने का आगम प्रमाण मिलता है” श्रीधरसेनाचार्य ए समय वेणाक नदी के तट पर ऐसा यतिसम्मेलन हुआ था जहा से दो मुनि शिष्यों को उन्होंने…