सत्परिणाम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्परिणाम – Satparinaama. Auspicious temperaments or involvement. द्रव्य का परिणमन ” शुभ उपयोग रूप जीव का परिणाम अर्थात् भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्परिणाम – Satparinaama. Auspicious temperaments or involvement. द्रव्य का परिणमन ” शुभ उपयोग रूप जीव का परिणाम अर्थात् भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार- Sansaara. World, Wordly wandering through birth & death cycle. कर्म के विपाक के वश से आत्मा को भवांतर की प्राप्ति होना संसार है (चारों गतियों में भ्रमण होना) “
घनमूल Cube root. गणित में घनराशि का मूल अन्नक- जैसे ६४ का घनमूल ४ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोज्यशूद्र:A lower division of people of society. कारू शूद्र का एक भेद “
गुणनिमित्तक नाम The names like krishna, Mahavira etc. which are pronounced to express virtues. ऐसे नाम जो गुणों के निमित्त से व्यव हार में आते हैं, जैसे कृष्ण, महावीर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगांतराय कर्म:Obstructive Karma in the way of worldly enjoyments. अंतराय कर्म का एक भेद; जिस कर्म के उदय से जीव भोगने की इच्छा करता हुआ भी नहीं भोग पाता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभुत्व शक्ति – Vibhutva Sakti. The supreme thought which is pervaded every where. सर्व भावों में व्यापक ऐसी एक भाव रूप शक्ति ” जैसे – ज्ञानरूपी एक भाव सर्व भावों में व्याप्त होता है “
ग्रहाङ्ग A type of wish fulfilling trees (Kalpavrikshas). कल्पवृक्षों का एक भेद; जो आवश्यकतानुसार राजमहल , सभाग्रह आदि देते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगशाली – Bhujangashali. A type of peripatetic deities. महोरग जातिय व्यंतर देवों का एक भेद “
”गिरिदारिणी” A divine power possessed by ‘Ravan’. रावण को प्राप्त एक विद्या ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]