भाव अनुयोगद्वार!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनुयोगद्वार – Bhava Anuyogadvara. A kind of disquisition door (Anuyogadvar). अनुयोगद्वार का एक भेद या भाव प्ररूपणा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनुयोगद्वार – Bhava Anuyogadvara. A kind of disquisition door (Anuyogadvar). अनुयोगद्वार का एक भेद या भाव प्ररूपणा “
देवपाल Name of the predestined 23rd Teerthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षपुद्गल – रूक्ष गुण से सहित पुद्गल परमाणु। जिनका आपस में बंध नही होता है। Ruksapudgala-Matters or molecules with separateness
ऋष्मिण्डन यंत्र A metallic plate engraved with auspicious and mystic words. ऋषिमण्डल स्तोत्र पर आधारित एक यंत्र विशेष ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्षा – देखभाल, सुरक्षा अहिंसा, मन वचन काय की क्रिया देखभाल कर, करना जिससे जीव घात न हो, पिषाच व्यंतरो का दूसरा भेद। Raksa-To protect all living beings, defence, non-violence, A type of peripatetic deity (Pishach)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्ष नय – Saapeksha Naya. A standpoint related to relativity. सापेक्ष नय वस्तु स्वरूप हैै जो सम्यक है एवं स्व व पर के उपकार के लिये होता है।
ऋजुमनस्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge related to mental activities. मन के द्वारा किये जाने वाले कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नवृष्टि – रत्नवर्शा तीर्थकरों के गर्भावस्था में आने के 6 महीने पहले से जन्म पर्यन्त 15 मास तक जो कुबेर माता के आंगन मे रत्नो की वर्शा करते है। Ratnavrsti-Divinely rain of jewels (an auspicious event pertaining to the birth of Jaina lord)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधु पूजा – Saadhu poojaa. Worshipping of Jaina saints. श्रावक के षट्कर्तव्यों में गुरूपास्ति नाम का एक कर्तव्य, देव गुरू, यति का पूजारूप धर्मानुराग इत्यादि ।
ऋद्धिप्राप्त आर्य Noble men (saints etc.) possessing supernatural powers. सात या आठ प्रकार की ऋद्धियों को रखने वाले जैन साधु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]