भाव – मान – कषाय विवेक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – मान – कषाय विवेक – Bhav –Man-Kasay vivek. Psychical wisdom. मन के द्वारा अभिमान को छोड़ना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव – मान – कषाय विवेक – Bhav –Man-Kasay vivek. Psychical wisdom. मन के द्वारा अभिमान को छोड़ना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिरूपक – Partiroopaka. Imitation, the counter part of a thing. बनावटी (नकली) वस्तु “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाजित – Bhajita. Divided, Dividation. भाग देना, भागहार विधी में भाज्य राशि को भागहार द्वारा भाजित किया गाया कहते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भैरव पद्मावती कल्प:Name of a book related to mystical formulae. मंत्र-तंत्र विषयक एक ग्रन्थ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पौराणिक – Pauranika. Mythological, Mythical, Fabulous (pertaining to events etc.). इतिहास प्रसिध्द या पुराणों से संबध्द घटनाएं आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबोध चिंतामणि – Pratibodha Chintaamani. Name of book related to a story of Mulsangh. एक ग्रंथ जिसमें मूलसंघ की उत्पत्ति की कथा उल्लेखित है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुपुत्रक – Manuputraka. A kind of Vidyadhar dynasty. आर्य विद्याधरों की 8 उत्तर जातियों में एक जाति , जो मानस्तम्भ के निकट बैठते हैं , लाल वस्त्रों एवं मणियों के आभूषणों से युक्त होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपादन – Pratipaadana. Afirming, Representing, Expounding, Proving. व्याख्यान, विस्तृत रूप से प्रस्तुत करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरोपनिधा: A sequence related to gradation.श्रेणी प्ररूपणा-जहा पर दुगुणत्व और चतुर्गुणत्व आदि की परीक्षा की जाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयदत्त – Vinayadatta. Name of a Acharya possessing knowledge of purvas (part of scriptural knowledge – Shrutgyan). मूलसंघ पट्टावली के अनुसार लोहाचार्य के पश्चात् हुए पूर्वधारी आचार्य ” समय – वी.नि. ५६५-५८५ “