मेरुपंक्ति व्रत!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरुपंक्ति व्रत–Merupankti Vrat. A particular type of fasting. 5 मेरु संभंधी 80 चैत्यालयो के व्रत इसमें 80 उपवास और 20 वन संभंधी 20 बेला किए जाते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरुपंक्ति व्रत–Merupankti Vrat. A particular type of fasting. 5 मेरु संभंधी 80 चैत्यालयो के व्रत इसमें 80 उपवास और 20 वन संभंधी 20 बेला किए जाते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्हि – Vanhi.: Fire,A special type of heavenly deities (Laukantik). अग्नि ,ब्रह्मलोक निवासी लौकांतिक देवों का भेद “
उपेक्षणीय What is to be ignored, negligible . उपेक्षा करने योग्य वस्तु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीजरुह – Bija Ruha. Vegetation produced by seeds (like rice ,wheat etc.). वनस्पति; जो बीज से ही उत्पन्न होती है ” जैसे – चावल, गेहूं आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमवंश – Somavansha. Another name of Chandravansh ( a dynasty) initiated from theson of Lord Bahubali. चन्द्रवंश । देखें – सोमयश । सोमवंश को ऋषिवंश भी कहते है।
उष्ण परीषह Heat thermal affliction . 22 परीषह में एक परीषह, ग्रीष्मकाल में उपवास आदि के कारण उत्पन्न दाह से पीडि़त होने पर प्रतिकार के बिना समतापूर्वक सहन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वल्लिभूमि – Vallibhoomi. The third land of Samavsharan (assembly of Lord). समवशरण की तीसरी भूमि ;अपरनाम लताभूमि ,यह अनेकों क्रीड़ा पर्वतों व वापिकाओं आगि शोभित है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्धमानसागर (आचार्य) – Vardhamaanasagar (Aachaarya).: Name of a Digamber Jain Acharya, the disciple of Acharya Dharmasagar Maharaj in the tradition of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा के एक वर्तमान आचार्य “इन्होंने सन् 1967 में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से गृहत्याग…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रिकापुरी – Bhadrikapuri. Name of the birth place of Lord Shitalnath. दसवें तीर्थकर शीतलनाथ भगवान् की जन्म नगरी का नाम ” इसको भद्दलपुर, भद्रपुरी, भद्रलपुर एंव भदिृलपुर भी कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच इंद्रिय – Panch Indriya. Five sense organs (body, toung, nose, eyes & ears). स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु व श्रोत “