उपशांतकषाय!
उपशांतकषाय Whose passions are subsided, Subsided passions. 11 वाँ गुणस्थान जहाँ सर्व मोहनीय कर्म एक अन्तर्मुहूर्त के लिये उपशम रूप या दबा रहता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशांतकषाय Whose passions are subsided, Subsided passions. 11 वाँ गुणस्थान जहाँ सर्व मोहनीय कर्म एक अन्तर्मुहूर्त के लिये उपशम रूप या दबा रहता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवसेतु – Bhavasetu. Spiritual bridge to cross the worldly transmigra-tion. संसार को पार करने के लिए जो पुल के समान हैं , ऐसे जिनेन्द्र भगवान या उनकी भक्ति “
दयावती The mother’s name of 12th Teerthankar (Jaina–Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 12 वें तीर्थंकर चन्द्रानन की माता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्य –Vaisya The third classification of Indo – Aryan Society a trader or an agriculturist etc. ४ वर्णों में एक वर्ण; जो कृषि व्यापार तथा पशुपालन आदि के द्वारा आजीविका करते हैं वे वैश्य कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वाभाद्रपद – Purvabhadrapada. Name of a lunar. एक नक्षत्र का नाम “
आहारक शरीर A kind of Karmic molecules causing body formation. छठे गुणस्थानवर्ती प्रमत्त संयत साधु सूक्ष्म तत्व के विषय में जिज्ञासा होने पर जिस शरीर के द्वारा केवली भगवान के पास जाकर जिज्ञासा का समाधान करते हैं उसे आहारक शरीर कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य शास्त्र – Bahya Sastra. All the external branches of knowledge like eco- nomics, astrology etc. non – spiritual branches. ज्योतिज्ञ्रान, छन्दशास्त्र, अर्थशास्त्र, वैधक शास्त्र, लौकिक शास्त्र, मंत्रवाद आदि शास्त्रों को बाह्यशास्त्र कहते हैं
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भीमसेन – Bhimasena. Name of an Acharya, one of the 5 Pandvas. आचार्य अभयसेन के शिष्य जिनसेन के गुरु एक आचार्य, ५ पांडवों में एक पांडव ” इन्हें भीम कहते हैं, इनके शरीर में बहुत बल था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्बाध – Nirbaadha. Uncontradicted, Unrestricted. बाधा रहित “