शरीर संस्कार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर संस्कार – Shareera Sanskaara. Decoration of body by using cosmetics etc. मुख नेत्र और दातों को धोना, उबटन करना, अंगमर्दन आदि शरीर के संस्कार है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर संस्कार – Shareera Sanskaara. Decoration of body by using cosmetics etc. मुख नेत्र और दातों को धोना, उबटन करना, अंगमर्दन आदि शरीर के संस्कार है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्म संप्रदाय – Brahma Sampradaya. A religious community following the doctrine of dualism. वैष्णव दर्शन के ४ भेदों में एक भेद; द्वैतवादी इन्हें मध्य या गौडिया भी कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकायत – Lokaayata.: The philosophy of materialism or atheism. चार्वाकमत ;सामान्य लोगों के आचरण में आने के कारण इसे लोकायत कहते हैं ” आत्मा व पुण्य –पाप आदि का अस्तित्व मानने के कारण यह मत नास्तिक कहलाता है “
चतुःस्थानीय The actual fruition of the Karmic matters having strong or mild attributes. अनुभाग बंध ; प्रशस्त कर्म प्रकृतियों का गुड़ , खाण्ड , शक्रा और अमृत रूप एवं अप्रशास्ता कर्म प्रकृतियों का लाता , दारू , अस्थि , शैलरूप अनुभाग बंध चतुःस्थानीय कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आस्यनिर्विष ऋद्धि A supernatural power of transforming poison into nectar. ऋद्धि, जिसके प्रभाव से विष भी अमृत बन जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विण्ण – Nirvinna. One with desiregard for worldly things. विरक्त – संसार, शरीर, भोगों से उदासीन साधु “
त्रिलोकव्याप्त One who is diffused in all three worlds. जो तीनों लोकों में व्याप्त है , लोकपूरण समुदघात, केवली भगवान के आत्मप्रदेशों का घनलोकप्रमाण सर्वलोक में फैल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तत्प्रमाण Evaluation of something based on its qualities. लौकिक प्रमाण का एक भेद: अश्वादि की ऊंचाई गुण आदि के द्वारा मूल्य निर्धारण करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकल्प ध्यान – Nirvimdhya Dhyaan Absolute meditation. निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम “
दासीदास प्रमाणातिक्रम An infraction of possessional limitation of keeping servents.परिग्रह परिमाणव्रत का एक अतिचार, दास दासी के लिए हुए प्रमाण का उल्ंलघन करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]