तीसरी भूमिका!
तीसरी भूमिका Modified state of soul. प्रतिक्रमण्रा आदि के विकल्पों से रहित शुद्धात्मा की भूमिका । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तीसरी भूमिका Modified state of soul. प्रतिक्रमण्रा आदि के विकल्पों से रहित शुद्धात्मा की भूमिका । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैल – Shaila. A rock, a crag (mountain), Another name of Sumeru mountain. चट्टान, घातिया कर्मो की चतुस्थानीयअनुभाग शक्ति का उदाहरण, सुमेरु पर्वत का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नातक – Snaataka. Omniscients (those who have destroyed all 4 destructive karmas).निग्र्रन्ध साधुओ के 5 भेदो मे एक भेद है। जिन्होने 4 धातिया कर्मों का नाष कर दिया है। उन केवलियो (13वे एवं 14वे गुणस्थानवर्ती) को स्नातक कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर नामकर्म प्रकृति – Sthira Naamakarma Prakrti. Physique making karmic nature causing physical stability & strength while fasting or observing any austerity.जिस कर्म के उदय से उपवास आदि तपक रने पर शरीर मे वात, पित्त व कफ की स्थिरता बनी रहती है और शरीर कमजोर या अशक्त नही होता है उसे स्थिर नामकर्म प्रकृति…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवर्त – Vivarta. Movement, Cyclone, Wandering. भंवर, चारों ओर घूमना, परिवर्तन ” परिणाम या परिणमन को विवर्त कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति धात – Sthiti Ghaata. Destruction of karmic time duration.अवकर्षण। आयु को छोड़कर शेष कर्मों का अनुभाग के बिना भी स्थितिधात होता है और आयु को छोड़कर शेष कर्मों का स्थितिधात के बिना भी अनुभागधात होता है।
तीर्थयात्रा Pilgrimage-a journey made by a pilgrim. श्रावक का कर्तव्य, संयम के साथ तीर्थों की वंदना करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चौरासी लाख योनि 84 lacs state of birth cycle of beings, ९ प्रकार गुण योनि के विशेष भेद ; पृथिवी ,जल ,अग्नि , वायुकाय , नित्य-इतर निगोद में प्रत्येक की ७-७ लाख योनि , प्रत्येक वनस्पति की १० लाख , दो इन्द्रिय से चतुरिन्द्रिय तक प्रत्येक की २-२ लाख , पंचेंद्रिय तिर्यंच – देव -नारकी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थापना पूजा – Sthaapanaa puujaa. Consecrational workshop.वीतराग प्रतिमा मे अर्हन्त आदि की स्थापना करके जो पूजा की जाती है वह स्थापना पूजा है।