धनंजय निघण्टु!
धनंजय निघण्टु A Sanskrit dictionary. एक संस्कृत शब्दकोष।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धनंजय निघण्टु A Sanskrit dictionary. एक संस्कृत शब्दकोष।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्ष धर्म – Saapeksa Dharma. Relative properties in matters. अनेकांत,सप्तभंगी अर्थात् वस्तु में प्ये जाने वाले विरोधी धर्म जो एक दूसरे पर निर्भर रहते है।
ऋजुगति Straight motion. वर्तमान शरीर को डोड़कर आगामी भव में जाते हुए जीव की जो सरल मोड़ा रहित एक सरल वाली गति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूत विगम – Bhuta Vigama. To be detached from the elements. तत्वों से विमुख होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधुधर्म – Saadhudharma. Basic restraints, conduct & discipline of Jain saints. अनगार धर्म । संसार शरीर भोगों से विरक्ति, ज्ञानाचार आदि 5 आचार, 10 धर्म, संयम, मूलगुण और तपरूप उत्तरगुण, मिथ्यात्व मोह आदि का नाष, कषायों का शमन , इन्द्रिय दमन, निर्मल रत्नत्रय तथा अंत में समाधि मरण यह सब मोक्षपद में कारण मुनियों…
द्वेषोदय Fruition of Karmas related to anger, malice etc. क्रोधादि द्वेष प्रकृतियों का उदय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विरद An elephant; The first of the 16 dreams which was seen by the mother of Tirthankar (Jaina-Lord) at the time of Garbhakalyanak. हाथी तीर्थंकर की माता द्वारा गर्भावस्था में देखें गये 16 स्वप्नों में प्रथम स्वप्न।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधिक जघन्य – Saadhika Jaghanya. Some more than lowerst. जघन्य से कुछ अधिक ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ तत्व:Another name of ‘Shuddopayog (supreme ele-ment).शुद्वोपयोग का अपरनाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।