शुभ लेश्या!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ लेश्या – Shubha Leshya. Auspicious mental colouration. शुभभावरूप, मंदकषायरूप पीत, पद्य, शुक्ल ये तीन वचन योग हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ लेश्या – Shubha Leshya. Auspicious mental colouration. शुभभावरूप, मंदकषायरूप पीत, पद्य, शुक्ल ये तीन वचन योग हैं “
त The sixteenth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी लिपि का सौलहवाँ व्यंजन अक्षर , इसका उच्चारण स्थान दंतमूल है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभचंद्र – Shubhachandra. Name of a great Acharya, the writer of Gyanamav Granth, The 8th Balbhadra of predestined Utsarpini Kal. एक महान आचार्य-राजा भर्तृहरि के भाई, ज्ञानार्णव ग्रंथ के रचियता (ई.सं. 1003-1068) ” भरतक्षेत्र के आगामी उत्सर्पिणी काल के 8वें बलभद्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवाद – Sanvaad. Dialogue, Conversation. बातचीत, वार्तालाप, सहमती “
चतुर्विंशतिस्तव Eulogy of 24 Tirthankars (Jaina-Lords). अंगबाह्य श्रुत के १४ प्रकीर्णकों में एक प्रकीर्णक , तीर्थंकरों के गुणों का कीर्तन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयप्रबद्व – Samayaprabaddha. Binding of karmic molecules with the soul in one samay (a time unit). एक समय मे जितने कर्म व नोकर्म वर्गणाएं आत्मा से बंधती है उसे समय प्रबद्व कहते है। इसका जधन्य प्रमाण अभव्य राषि से अनंतगुणा व उत्कृष्ट प्रमाण सिद्व राषि से अनंतवां भाग है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम धर्मध्यान – Madhyama Dharamadhayana. A kind of right religious observances. धर्मध्यानके 3 भेदों में एक भेद ” गृहस्थ धर्म का संचालन करते हुए धर्म के प्रति भी मध्यम प्रवृति करते रहना “
ग्राह्य-ग्राहक भाव Sentimentally acceptance of matters. भावेंद्रिया के द्वारा ग्रहण किए गए इन्द्रियों के विषयभूत पदार्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरुवन्दना Belief in false preceptor of spiritual teachers. रत्नत्रयधारक यति, आचार्य, उपाध्याय, साधु आदि के उत्कृष्ट गुणों को जानकर श्रद्धा सहित विनय करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]