तारणपंथी!
तारणपंथी Non-idolator sect of Digambara Jain tradition. दिगम्बर जैनों में मूर्ति पूजा को न मानने वाला एक नया पंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तारणपंथी Non-idolator sect of Digambara Jain tradition. दिगम्बर जैनों में मूर्ति पूजा को न मानने वाला एक नया पंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतावतार – Shrutaavtaara. The basic tradition of omniscients & Shrutkevalis (having complete scriptural knowledge) after Lord Mahaaveera. भगवान महावीर के पश्चात् केवली व श्रुतकेवलियो की मूल परम्परा को ही श्रुतावतार नाम से कहा जाता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल त्याग – Sakala Tyaaga. Renunciation of all 5 specified kind of sins. हिंसा आदि 5 पापों का सर्वदेश त्याग अर्थात् महाव्रत को पालन करना “
तात्पर्यवृत्ति Name of commetary books; written by Acharya Abhaynandi & Acharya Jaisen separately. आचार्य अभयनन्दि (ई. 930-950) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की टीका का नाम , आर्चार्य जयसेन (ई.श. 11-12) वृत्त समयसार , प्रवचनसार , व पंचास्तिकाय की टीकाएँ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतज्ञान – Shrutagyaana. The sensory cognitive knowledge, Scriptural knowledge. इन्द्रियों द्वारा विवक्षित पदार्थ को ग्रहण करके उससे सम्बन्धित अन्य पदार्थ को जानना ” अथवा मतिज्ञान से जाने हुए पदार्थ के अवलम्बन से तत्संबंधी दूसरे पदार्थ का जो ज्ञान होता है उसे श्रुतज्ञान कहते है ” इससे अक्षरात्मक व अनक्षरात्मक दो भेद है ” अक्षरात्मक…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलकीर्ति – Sakalakeerti. The disciple of saint Padmanandi-9 of Nandi group who was the writer of many great treatises. नंदिसंघ बलात्कार गण की ईडर गद्दी पर यह पद्मनंदि नं. 9 के शिष्य तथा भुवनकीर्ति के गुरु थे ” मूलाचार प्रदीप, प्रश्नोत्तर श्रावकाचार, तत्त्वार्थसार सुकुमाल-धन्यकुमार चरित्र आदि अनेक कृतियों के रचयिता ” समय ई. 1422-1442…
तप्त ऋद्धि Heated, hot. जिस ऋद्धि से खाया हुआ अन्न धातुओं सहित क्षीण हो जाता है अर्थात् मल- मूत्रादि रूप परिणमन नहीं होता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आयापाय दर्शनोद्योत A basic restraint (virtue) of Acharya. आचार्य के 36 गुणों में एक गुण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंग-भरतक्षेत्र पूर्वआर्यखण्डका एक देष, वर्तमानबंगाल। Banga- A country of Bharat kshetra East aryakhand region (present Bengal)