दृष्टांत!
दृष्टांत Illustration, Example, Instance. हेतु की सिद्धि में साधनमृत कोई दृष्ट पदार्थ जिसमें कि वादी व प्रतिवादी दोनों सम्मत हों।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दृष्टांत Illustration, Example, Instance. हेतु की सिद्धि में साधनमृत कोई दृष्ट पदार्थ जिसमें कि वादी व प्रतिवादी दोनों सम्मत हों।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलपाहुड – Sheelapaahuda. Name of a great treatise written by Acharya Kundkund आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127-179) कृत ज्ञान व चारित्र का समवन्यात्मक 40 प्राकृत गाथा निबद्ध ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म – Nokarma. Grossbody etc. are called Nokarma. नामकर्म के उदय से प्राप्त होने वाला औदारिक आदि शरीर जो जीव के सुख में निमित्त बनता है वह नोकर्म कहलाता है “
दुष्प्रमार्जित निक्षेप Placing something carelessly or wrongfully. अजीवाधिकरण के भेद निक्षेप का एक उपभेद दुष्टतावश असावधानी से वस्तु को रखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रा पृथिवी –Vajraa Prithivii: An earth of middle universe. मध्यलोक की एक पृथिवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैष्कर्म्य – Naishkarmya. Name of a book written by Sureshvar. वेदांत साहित्य प्रवर्तक सुरेश्वर (ई. 820) का एक ग्रंथ “
दुषमा दुषमा काल A period of 21000 years, time of penury or period of decay (this period will occur after 18500 years). अवसर्पिणी काल का छठा 21000 वर्ष का काल । इस काल में धर्म , अग्नि और राजा इन तीनों का अभाव होने से केवल अधर्मरूप क्रियाएँ होती हैं, इसमें मनुष्य पशुवत् आचरण करता…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैःषड्यभावना – Naihshgyabhaavanaa. Feeling of unattachment. पंचेन्द्रिय सम्बंधी सचित्त और अचित्त विषयों में अनासक्ति ” ये दो प्रकार की होती है – बाह्य और आभ्यंतर “
दुःप्रणिधान Arrogant or Illusive tendency (an infraction). सामायिक शिक्षा व्रत का एक अतिचार । सामायिक के समय मन – वचन- काय की प्रवृत्ति रागरूप या प्रमादरूप होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रकांड – Vajrakaand : Name of the bow of Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के धनुष का नाम “