चर्म!
चर्म Skin, leather. त्वचा , चमड़ा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दर्शन – ज्ञान-चारित्र Three jewels of Jainas (Right faith, Right knowledge & Right conduct ). रत्नत्रय सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यग्चारित्र इन तीनों गुणों को रत्नत्रय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इक्षुरस Juice of sugar cane. गन्ने का रस Sugar-cane juice. गन्ने का रस जिससे शक्कर गुड आदि बनते है। इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने एक वर्ष उन्तालीस दिन के उपवास के पश्चात हस्तिनापुर में राजा श्रेयांस द्वारा इक्षुरस का प्रथम आहार ग्रहण किया था। Seventh island and ocean of middle universe. मध्यलोक…
चंद्रानन A Tirthankar (Jaina-Lord) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र के विद्यमान २० तीर्थंकर में एक तीर्थंकर का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मद – Mada. Proud, Pride, Arrogance, Hautiness. घमंड , यहज्ञान , कुल , रूप आदि 8 भेदों वाला होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रज – धूल, ज्ञानावरण, दर्षनावरण, कर्म धूलि की तरह वस्तुओ का बोध और अनुभव में प्रतिबंध होने से रज कहलाते है। Raja-sand, Dust, Knowledge obscuring Karmas are also called as dust
चंद्रप्रभु Name of the 8th Tirthankar (Jaina-Lord). ८वें तीर्थंकर ; इनका जन्म चन्द्रपूरी के इक्ष्वाकुवंशी राजा माहासें एवं रानी लक्षमणा के यहाँ हुआ था. इनकी १० लाख पूर्व की आयु एवं १५० धनुष (छह सौ हाथ) शरीर की ऊंचाई थी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिपुर चक्र – Manipura Chakra. Circular position of navel to be used for the installation of Mantras in meditation. नाभिचक्र; इसके ऊपर मन्त्रों को स्थापित कर ध्यान किया जाता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्रदत्त – भगवान ऋशभदेव के तीर्थ में एक ब्राहमण जो पूजा के लिए प्राप्त द्रव्य से जुआ खेलने के फलस्वरूम सातवें नरक में गया।चारूदत्त का व्यसनी चाचा, चारूदत्त को व्यसनी इसी ने बनाया था। Rudradatta-Name of a Brahmin in the era of lord Rishabhdev who went into 7th hell because of gambling, Name of…
गृहस्थापित दोष A fault of hermitage. वसतिका का एक दोष; गृहस्थ द्वारा स्वयं के किए बनवाया गृह, साधु आश्रय के नाम करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]