महावीर स्तोत्रम्
महावीर स्तोत्रम् (संस्कृत-हिन्दी टीका सहित) -बसन्ततिलका छंद – (1) सिद्धार्थराजकुलमंडनवीरनाथः जातो हि कुण्डलपुरे त्रिशलाजनन्यां। सिद्धिप्रियः सकलभव्यहितंकरो यः, श्रीसन्मतिर्वितनुतात् किल सन्मतिं मे।।1।। श्री सिद्धार्थ नृपति के नंदन, नाथवंश मण्डन महावीर, कुंडलपुर में श्री त्रिशला-माता से जन्म लिया तुम वीर। सिद्धिवधूप्रिय! सकल भव्यजन, के हितकारी वीरप्रभू, श्री सन्मति जिन मुझको सन्मति, दीजे नितप्रति विनय करूँ।।1।। अन्वयार्थः –…