श्रावक धर्म
श्रावक धर्म क्या पुण्यास्रव मोक्ष का कारण है? ‘हाँ, देखिये, पूर्वाचार्यों के शब्दों में। महान् ग्रंथराज तत्त्वार्थसूत्र की ७ वीं अध्याय के भाष्यकार श्री अकलंकदेव कहते हैं- आस्रवतत्त्व के दो भेद हैं-पुण्यास्रव और पापास्रव। उसमें से पुण्यास्रव का व्याख्यान करना चाहिये क्योंकि वह प्रधान है। वह प्रधान क्यों है ? क्योंकि मोक्ष उस पुण्यास्रवपूर्वक होता…