क्षयोपशम-विशुद्धि-देशना प्रायोग्यतालब्धि में ३४ बंधापसरणस्थान
क्षयोपशम-विशुद्धि-देशना प्रायोग्यतालब्धि में ३४ बंधापसरणस्थान लेखिका – आर्यिका गरिमामती माताजी अनादि अनंत इस संसार में प्रत्येक जीव सम्यग्दर्शन की प्राप्ति के बिना परिभ्रमण कर रहा है। सम्यग्दर्शन की प्राप्ति के बिना मोक्षमार्ग की शुरुआत नहीं होती है इसीलिए सम्यत्त्व की प्राप्ति करना अत्यन्त आवश्यक है। सम्यग्दर्शन मोक्षमहल की प्रथम सीढ़ी है। बहिरात्मा को अन्तरात्मा बनाने…