01.2 सच्चे देव, शास्त्र, गुरु का स्वरूप
सच्चे देव, शास्त्र, गुरु का स्वरूप सच्चे देव का स्वरूप सच्चे देव-सच्चे देव की तीन विशेषताएँ हैं-सर्वज्ञता, वीतरागता और हितोपदेशिता। अत: जिनके अंदर-बाहर, राग-द्वेष और मोह का लेशांश भी न होवे ही हमारे देव हैं। वीतरागी होने से अस्त्र, शस्त्र, वस्त्र और अलंकरण से रहित परम शांत मुद्रा ही सच्चे देव का स्वरूप है। राग-द्वेष-मोह...