उत्तम सत्यधर्म!
उत्तम सत्य धर्म (गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के प्रवचनांश……..) प्रिय हित मित मधुर वचन सुन्दर, सबमें विश्वास प्रगट करते। ये उत्तम सत्य वचन जग में, अप्रिय जन को भी वश करते।। विश्वासघात है पाप महा, नहिं कभी भूूलकर करना तुम। जैसा तुम अपने प्रति चाहो, वैसा सबके प्रति करना तुम।। जो मनुष्य सत्य वचन बोलता…