भगवान आदिनाथ पर मुक्तक
मुक्तक -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती अन्न का हर दाना, शालिधान्य नहीं होता। हर मानव का बना इंसान नहीं होता।। प्रत्येक व्यक्ति का खजाना पुण्यवान नहीं होता। ऐसे ही बंधुओं! तुम्हें भी ध्यान रखना है, हर पर्वत के पाषाण का दाना भगवान नहीं होता।। कविता जरा सोचो बनी कैसे ऋषभगिरि पर ऋषभ प्रतिमा। जहाँ पर मार्ग, भी…