आचार्य धरसेन एवं उनका जोणिपाहुड़ (योनिप्राभृत)!
आचार्य धरसेन एवं उनका जोणिपाहुड़ (योनिप्राभृत) डॉ० अनुपम जैन सारांश जैन परम्परा के अत्यन्त प्राचीन सिद्धान्त ग्रंथ षट्खण्डागम को अपने उपदेश द्वारा सृजित कराने वाले, अंग एवं पूर्व साहित्य के एकदेश ज्ञाता आचार्य धरसेन की एकमात्र कृति योनिप्राभृत (जोणिपाहुड़) हैं। प्रस्तुत आलेख में आचार्य धरसेन एवं उनकी इस कृति का संक्षिप्त परिचय प्रस्तु है। यह…