जिनेन्द्र का लघुनन्दन-श्रावक!
जिनेन्द्र का लघुनन्दन-श्रावक ‘श्रावक’ शब्द सामान्य ‘गृहस्थ’ शब्द से ऊँचा, अर्थ—गम्भीर और भावपूर्ण है। श्रावक शब्द का अर्थ शिष्य या सुनने वाला भी है। जैन और बौद्ध परंपरा के अनुसार‘श्रावक’ वह है जो सद्धर्म पर श्रद्धा रखता है, गृहस्थोचित व्रत या दायित्वों का निष्ठापूर्वक पालन करता है, पाप—क्रियाओं से दूर रहता है और अपनी सीमा…