जैनाचार्यों द्वारा प्रतिपादित अहिंसा एवं विश्वशान्ति!
अनेकान्त पत्रिका के लेख जैनाचार्यों द्वारा प्रतिपादित अहिंसा एवं विश्वशान्ति १. अहिंसा की पृष्ठभूमि— अहिंसा मनुष्य की पहली पहचान है। मनुष्य की मौलिकता और स्वभाव का जीवन सूत्र है—अहिंसा। हिंसा—मनुष्य की निर्मिति है। जितनी कम हिंसा हो, उतना ही जीवन श्रेष्ठतर होगा। Less Killing is better living मनुष्य जो चाहे हो सकता है, हिंसक भी…