मैय्या मगन निज धुन में, शास्त्र चिंतन में!
मैय्या मगन निज मैय्या मगन निज धुन में, शास्त्र चिंतन में, आत्म चिंतन में उन्हीं के गुण गाना है।। टेक.।। हाथ में इनके पिच्छी शोभे। लेखनी भी सबका मन मोहे।। लिखतीं ग्रन्थ ये कलम से, ज्ञान चिंतन से, सदा शुभ मन से। उन्हीं के गुण गाना है।।१।। शीश माता के शारदा स्वर है। मुख…