आ जा रि चांदनी, हमारो पूनो चांद लेके आ जा-२!
आ जा रि चांदनी आ जा रि चांदनी, हमारो पूनो चांद लेके आ जा-२। हम सब आश लगाए-आ जा, तेरे दर्शन पाएं-आ जा।। जीवन सफल बनाएं-आ जा।। आ जा…।।टेक.।। धरती पर इक चांद जो आया, नभ का चांद स्वयं शरमाया। ज्ञानमती बन ज्ञान लुटाया, जग को जीवन सार बताया।। आ जा रि चांदनी…।।१।। अवध…