रक्षाबंधन कथा परीक्षा : सही उत्तर एवं परीक्षाफल
Answer Rakshabhandan Paper 20-8-24…
१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा निर्माण की कुशल मार्गदर्शिका प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न श्री चंदनामती माताजी का परिचय प्रस्तुति-आर्यिका स्वर्णमती (संघस्थ-गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी) जन्म- १८ मई १९५८, ज्येष्ठ कृ. अमावस्या, वीर नि. सं. २४८४ जन्मस्थान- टिकैतनगर (बाराबंकी) उ.प्र. नाम- कु. माधुरी जैन माता-पिता- श्रीमती मोहिनी देवी जैन (आर्यिका रत्नमती माताजी) एवं श्री छोटेलाल जैन बहन-भाई- आठ…
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(पूजा नं.17) अचलमेरु सम्बंधि धातकी वृक्ष शाल्मली वृक्ष जिनालय पूजा —अथ स्थापना—हरिगीतिका छंद— (चाल—सम्मेदगढ़ गिरनार….) वरद्वीप धातकि में अपरदिश, बीच सुरगिरि अचल है। ताके विदिश ईशान में, शुभ धातकी द्रुम अतुल है।। सुरगिरी के नैऋत्य शाश्वत, शाल्मली द्रुम सोहना। द्वय वृक्ष शाखा पर जिनालय, पूजहूँ मन मोहना ।।१।। ॐ ह्रीं श्रीअचलमेरुसंबंधिधातकीशाल्मलीद्वयवृक्षस्थितजिनालयस्थ-जिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं।…
अयोध्या में आर्यिका दीक्षाएँ : एक ऐतिहासिक अवसर -डॉ. जीवन प्रकाश जैन (सम्पादक सम्यग्ज्ञान मासिक पत्रिका) बंधुओं! शाश्वत तीर्थंकर जन्मभूमि अयोध्या में आर्यिका दीक्षाएँ होने जा रही हैं, इस बात की खबर पूरे देश में बड़े त्वरित अंदाज में घर-घर तक पहुँची है। यह अवसर ही ऐसा है कि एक तरफ हमारे जैनधर्म की…
समाधि द्वारा-आर्यिका सुद्रष्टिमति माताजी प्र. ९२० : मृत्यु के चार द्वार कौनसे हैं? उत्तर : अनुचित कार्यों का प्रारम्भ करना यह मृत्यु का पहला द्वार है। ऐसा कार्य करना ही क्यों जिससे आपदायें स्वयं ही घर बनाकर बैठ जायें। अतः जो काम समाज व धर्म के विरोधी होते हैं, उन्हें करना ही नहीं चाहिये। मृत्यु…