द्रोणामुख!
द्रोणामुख Port; docks. बंदरगाह; जलयानों के ठहरने का स्थान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रोणामुख Port; docks. बंदरगाह; जलयानों के ठहरने का स्थान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय संवर – Nishchaya Sanvara. Complete stoppage of sensual pleasures with absolute engrossment into self. 5 इंद्रियों के विषयों से निवृत हो शुद्धात्मतत्व रूप परिणति “
द्रव्यांश Parts of a matter. द्रव्य का एक भाग उत्पाद व्यय घ्रौव्य रूप परिवर्तन पूरे द्रव्य में होता है किसी एक अंश में नहीं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाश्वत उपादान – Shashvata Upaadaana. Undestroybale properties of a substance. द्रव्य के दो अंशॉन में एक अंश-गुण; जो शाश्वत होने के कारण अपने स्वरुप को त्रिकाल में भी नहीं छोड़ते “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्राण – Nishchaya Praana. Absolute consciousness. शुद्ध ज्ञान व दर्शन निश्चय प्राण है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य सूक्ति – Bhasya Sukti. Name of a treatise written by jagadish Bhattacharya. वैशेषिक दर्शन सूत्र पर लिखी जगदीश भट्टाचार्य कृत एक व्रत्ति का नाम “
उपात्त Assimilated, Acquired matters (dravyas) . आत्मा के रागादि परिणामों से कर्म और नोकर्मरूप में जिन पुद्गल द्रव्यों को ग्रहण किया जाता है वे उपात्त कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञगुप्त –Yagyagupta. Name of the 49th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 49वें गणधर का नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक सुख –Laukika Sukh: Worldly enjoyments or pleasures . सांसारिक विषय भोगों से प्राप्त होने वाला क्षणिक सुख “
द्रव्य बंध Physical binding, Physical bondage. योग और कषायों के निमित्त से कर्म वर्गणाओं का आत्मा के प्रदेशों के साथ परस्पर मिल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]