तत्वज्ञान!
तत्वज्ञान The knowledge of truth or reality of any matter. तत्वों को जानकर आत्मा का विशेष बोध या मनन करना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वज्ञान The knowledge of truth or reality of any matter. तत्वों को जानकर आत्मा का विशेष बोध या मनन करना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथत्त्क्व व्यवहार – Prthaktva Vyavahara. Nature of unity in diversity. व्यवहार का एक भेद; जहाँ पर भिन्न द्रव्यों में एकता का संबंध दिखाया जाता है उसे पृथत्त्क्व व्यवहार कहते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिचन्द्र – Haricandra. Name of the 4th predestined Balbhadra. आगामी चैथे बलभद्र।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सेना : == कार्यकृद् गृह्यको जन:। —त्रिषष्टिशलाका : १-१-९०८ जो कार्य (सेवा) करता है, लोग उसे पूजते ही हैं।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हनुमंत चारित्र – Hanumammta Caarita. Name of a book written by Pandit Raimalla. पं रायमल्ल (ई. 1575-1593) कृत भाषा ग्रंथ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर प्रत्यय उत्पाद:See- Para Nimittaka Utpada.देखे निमित्तक उत्पाद ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालाग्र – Balagra. A area unit. क्षेत्र का प्रमाण विशेष ” अपरनाम केशाग्र “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेदयबंधी प्रकृति – Svodayabamdhii Prakrti. Karmic natures causing binding with self rising. स्वयं के उदय के साथ बंधने वाली प्रकृतियाॅ। ज्ञानावरणी की 5, अंतराय की 5, दर्शनावरणी की चक्षुदर्शनावरणादि 4, तैजस शरीर, कार्मण शरीर, निर्माण, स्थिरयुगल, शुभयुगल तथा वर्णचतुष्क, अगुरुलधु और मिथ्यात्व इन 27 प्रकृतियो का स्वोदय से बंध होता है।
गुणार्थिक नय Standpoint of accepting attributes of matter. द्रव्य सामान्य को ग्रहण कर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]ने वाला नय