ह!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]ह – Ha. The thirty-third consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का तैतीसवाॅ व्यंजन, इनका उच्चारण स्थान कण्ठ है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]ह – Ha. The thirty-third consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का तैतीसवाॅ व्यंजन, इनका उच्चारण स्थान कण्ठ है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परदातृव्यपदेश:An infraction of vow of hospitality to donate indirectly and deceitfully.अतिथिसंविभाग व्रत का एक अतिचार पात्र को स्वयं दान न कर दूसरे से कहकर दिलवाना या दूसरे की वस्तु लाकर देना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विश्वनंदि – Vishvnamdi. Name of a Bhattarak of Nadi group, Past-birth name of the 2nd Narayan, Triprishtha who be-came Lord Mahavira after some next births. नंदिसंघ बलात्कारगण उज्जयिनी गद्दी के एक भट्टारक ” अपरनाम विष्णुनंदि ” समय – वि.सं. – ७०४ ” नारायण त्रिपृष्ट के दूसरे पूर्व भव का नाम ” यही…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक शक्ति – ैअंइींअपां ैंाजपण् छंजनतंस चवूमत वत ेजतमदहजी पद जीम दंजनतम व िउंजजमतण् द्रव्य के स्वभावो मे स्वाभाविकी शक्ति होती है। देखे- स्वाभाविक क्रिया।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौन–Maun. To keep silent or mum, externally or internally. मूकभाव अर्थात् बाहा की वचन प्रवृत्ति को भी पूर्ण रूप से छोड़ देना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहिंसा – Svahimsaa. Passionate feelings as volitional violence. भावहिंसा-प्रमाद से युक्त आत्मा पहिले स्वंय अपने द्वारा ही अपना द्यात करता है अर्थात् रागादि प्रमाण भाव ही स्वहिंसा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक आस्त्रव – Saamparaayika Aasrava. Passionful influx. स्वामी की अपेक्षा आस्त्रव के दो भेदो मे एक भेद। कषाय सहित होने वाले आस्त्रव को साम्परायिक आस्त्रव कहते हैं पहले से दसवें गुणस्थान तक सांपरायिक तक सांपरायिक आस्त्रव होता है। इसके 57 भेद है- 5 मिथ्यात्व, 5 अविरति, 15 प्रमाद, 25 कषाय, 7 योग।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठासार संग्रह- एक प्रतिश्ठा सम्बन्धी ग्रंथ का नाम। pratisthasara samgraha – name of ritual treatise
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिभूतिक – Namdibhutika Special Name of predestined Narayan (Nandibhuti). भावी शलाका पुरुष; नारायण नन्दिभूती का विशेष नाम ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठापना शुद्धि- देष व काल को जानकर नख, रोम, नाक, थमक, वीर्य, मल, मूत्र या देह परित्याग में जन्तु बाधा का परिहार करके प्रवृत्ति करना। pratisthapana suddhi – careful act of excretion