गिरि!
गिरि A mountain, Name of the kings of Yadu & Hari dynasties. पर्वत, यदु (यादव) वंश एवं हरिवंश के राजाओं का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गिरि A mountain, Name of the kings of Yadu & Hari dynasties. पर्वत, यदु (यादव) वंश एवं हरिवंश के राजाओं का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यय- pratyaya Knowledge, cause, inter relation casual ज्ञान, श्रद्धा, निमित, कारण, हेतु। जैनागम में प्रत्यय अर्थात आस्त्रव कर्मों के आने के द्वार के लिए मुख्यत: प्रयुä होता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्रसोपचय –Visrasopachaya. Natural Karmic attendants; natural aggregation of karmic molecules capable of binding with soul. वे कर्म व नोकर्म के परमाणु जो जीव के प्रदेशों में एक क्षेत्रावगाही हैं ” परन्तु जीव के साथ के साथ बंध को प्राप्त नहीं हैं अर्थात् ये कर्म नोकर्म रूप होने के योग्य हैं, वर्तमान में…
दशलक्षण व्रत विधि एवं पूजा दशलाक्षणिकव्रते भाद्रपदमासे शुक्ले श्रीपंचमीदिने प्रोषध: कार्य:, सर्वगृहारम्भं परित्यज्य जिनालये गत्वा पूजार्चनादिकञ्च कार्यम्। चतुर्विंशतिकां प्रतिमां समारोप्य जिनास्पदे दशलाक्षणिकं यन्त्रं तदग्रे ध्रियते, ततश्च स्नपनं कुर्यात्, भव्य: मोक्षाभिलाषी अष्टधापूजनद्रव्यै: जिनं पूजयेत्। पंचमीदिनमारभ्य चतुर्दशीपर्यन्तं व्रतं कार्यम्, ब्रह्मचर्यविधिना स्थातव्यम्। इदं व्रतं दशवर्षपर्यन्तं करणीयम्, ततश्चोद्यापनं कुर्यात्। अथवा दशोपवासा: कार्या:। अथवा पंचमीचतुर्दश्योरुपवासद्वयं शेषमेकाशनमिति केषाञ्चिन्मतम्, तत्तु शक्तिहीनतयाङ्गीकृतं न…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीघात- pratighata Obstruction hinderance प्रतिबन्ध या बाधा।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्तत्त्व–Murtattva. Corporeality, Materiality, Tangibility. मूर्तित्वपना; स्पर्श, रस, गंधादिपना होना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूमिपाल – Bhumipala. Father’s name of the 17th Teerthankar (Jaina- Lord) situated in videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित १७ वें तीर्थकर वीरसेन’ के पिता का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान गुणकार – Svasthaana Gunakaara. Multiple results of karmas related to the span of Krishties. प्रत्येक संग्रहकृष्टि के अन्तर्गत प्रथम अंतरकृष्टि से अंतिम अंतरकृष्टि पर्यन्त अनुभाग अनंत-अनंतगुणा है परन्तु सर्व इस अनन्त गुणकार का प्रमाण समान है, इसे स्वस्थान गुणकार कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमलेश्वर – Vimalesvara. Name of the 18th Tirthankar of past era. भूतकालीन १८ वें तीर्थकर “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सिद्ध : == अष्टविधकर्मविकला:, निष्ठितकार्या: प्रनष्ट—संसारा:। दृष्टसकलार्थसारा:, सिद्धा सिद्धिं मम दिशन्तु।। —समणसुत्त : ८ अष्ट कर्मों से रहित, कृतकृत्य, जन्म—मृत्यु के चक्र से मुक्त तथा सकल तत्त्वार्थ के द्रष्टा सिद्ध मुझे सिद्धि प्रदान करें। सिद्धात्मा निर्विकल्पोऽप्रतिहतमहिमा शश्वदानन्दधाम। —ज्ञानार्णव : ३९-७९ सिद्ध परमात्मा समस्त विकल्पों से रहित, अबाधित महिमा…