पुण्यमूर्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यमूर्ति – Punyamurti. Name of the 13th predestined Teerthankar (Jain- Lord). हरिवंशपुराण के अनुसार १३वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम. त्रिलोकसार के अनुसार इनका नाम ‘निष्पापनाथ’ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यमूर्ति – Punyamurti. Name of the 13th predestined Teerthankar (Jain- Lord). हरिवंशपुराण के अनुसार १३वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम. त्रिलोकसार के अनुसार इनका नाम ‘निष्पापनाथ’ है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्वान–Yashsvan. Name of the 9th Kullar (ethical founder), A type of peripatetic deities, Name of a deity of a summit of Manushottar mountain. वर्तमानकालीन 9वे कुलकर, किंपुरुष व्यंतारो का एक भेद, मानुषोत्तरपर्वतकी पूर्व दिशा के वैडूर्य कूट का निवासी एक देव”
त्रयात्मक द्रव्य Substances having three properties (origination, destruction and continuity). द्रव्य में उत्पाद , व्यय और ध्रौव्य ये तीन आत्मारूप लक्षण होते हैं इसलिए उन्हें त्रयात्मक द्रव्य कहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैराग्गसार –Vairaggasara Name of a treatise written by Subhadracharya. सुभाद्रचार्य द्वारा रचित (ई. श. ११ – १२) अपभ्रंश भाषा का एक ग्रंथ “
एकभक्त Single dieting (in specified morning time). जैन साधु का एक मूलगुण- सूर्योदय के तीन घड़ी पश्चात् और सूर्यास्तकाल से तीन घड़ी पहले दिन में जीवन पर्यंत विधिपूर्वक एक ही बार आहार ग्रहण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तेजोलेश्या Yellow aura, virtuous condition of soul. पीत लेश्या, कत्र्तव्य को जानना, सबमें समभाव रखना, दया और दान में तत्पर दान में तत्पर रहना, मृदुभाषी और ज्ञानी होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृतना – Prtana. A part of army including number of chariots, elephants etc. अक्षौहिणी सेना का एक अंग ” इसमें २४३ रथ, २४३ हाथी, १२१५ प्यादे और १२१५ घुड़सवार होते हैं “
एकतत्व Unity, Harmony, Sameness, Solitude. एकता , सदृशता , बराबरी, अकेलापन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]