पंचामृत अभिषेक पाठ श्रीमज्जिनेन्द्रमभिवंद्य जगत्रयेशं, स्याद्वादनायकमनंतचतुष्ट्यार्हम्। श्रीमूलसंघसुदृशां सुकृतैकहेतुर्जैनेन्द्रयज्ञविधिरेषु मयाऽभ्यधायि।।१।। ॐ ह्रीं क्षीं भू: स्वाहा स्नपनप्रस्तावनाय पुष्पाञ्जलि:।।१।। (आगे लिखे श्लोक को पढ़कर आभूषण और यज्ञोपवीत धारण करना।) श्रीमन्मन्दरसुन्दरे (मस्तके) शुचिजलैर्धौतै: सदर्भाक्षतै:, पीठे मुक्तिवरं निधाय रचितं त्वत्पादपद्मस्रज:। इन्द्रोऽहं निजभूषणार्थकमिदं यज्ञोपवीतं दधे, मुद्रावंकणशेखराण्यापि तथा जन्माभिषेकोत्सवे।।२।। ॐ ह्रीं श्वेतवर्णे सर्वोपद्रवहारिणि सर्वजनमनोरञ्जिनि परिधानोत्तरीयं धारिणि हं हं झं झं सं…
पंचामृत अभिषेक-एक अध्ययन श्री पूज्यपाद स्वामी जो कि सर्वार्थसिद्धि ग्रंथ के कर्ता महान् आचार्य हैं उनका बनाया हुआ ‘‘महाभिषेक” प्रसिद्ध है। यह ‘‘इन्द्रध्वज विधान” में छपाया जा चुका है। सन् १९८७ में मैंने इस ‘‘महाभिषेक’ का हिन्दी पद्यानुवाद भी कर दिया है जो कि सभी के लिए सरल बन गया है। श्री पूज्यपाद स्वामी ने…
पंचामृत अभिषेक पाठ (श्री पूज्यपाद आचार्य विरचित) (पद्यानुवादकर्त्री – गणिनी आर्यिका ज्ञानमती) शंभु छंद अरिहंत देव को प्रणमन कर, जल से स्नान कर शुद्ध हुआ ।सन्मंत्रस्नान व्रतस्नान कर, जिन गंधोदक से शुद्ध हुआ ।।आचमन अर्घ कर धुले धवल, धोती व दुपट्टे को पहने।जिनमंदिर की त्रय प्रदक्षिणा कर, नमूँ शीश नत विधिवत् मैं ।।१।।जिनगृह के…