भगवान श्री चंद्रप्रभ की आरती
भगवान श्री चंद्रप्रभ की आरती तर्ज—आरति करूँ चौबीस जिनेश्वर....... आरति करूँ श्री चंद्रप्रभु की, आरति करूँ प्रभु जी ।टेक.।। पहली आरति गर्भकल्याणक-२ पन्द्रह मास रतनवृष्टी की, आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।१।। दूजी आरति जन्मोत्सव की-२ मेरू सुदर्शन पर अभिषव की, आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।२।। तीजी है निष्क्रमण दिवस की-२ लौकांतिक सुर अनुमोदन की, आरति करूँ...