01. भगवान ऋषभदेव के पुत्र ‘भरत’ से ‘भारत’
श्री ऋषभदेव के पुत्र ‘भरत’ से ‘भारत’ तीर्थंकर ऋषभदेव राज्यसभा में सिंहासन पर विराजमान थे, उनके चित्त में विद्या और कला के उपदेश की भावना जाग्रत हो रही थी। इसी बीच में ब्राह्मी और सुंदरी दोनों कन्याओं ने आकर पिता को नमस्कार किया। पिता ने आशीर्वाद देते हुये बड़े प्यार से दोनों कन्याओं को अपनी…