भगवान ऋषभदेव विश्वशांति वर्ष मनाएँ भगवान ऋषभदेव विश्वशांति वर्ष मनाया गया (चैत्र कृ. नवमी-१० मार्च २०१८ से चैत्र कृ. नवमी-२९ मार्च २०१९) प्रेरणा-भारतगौरव दिव्यशक्ति शारदे माँ गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी आज हम सभी वर्तमान विश्व में उपस्थित आतंकवाद, हिंसा, विनाश, अशांति, परस्पर शत्रुता, विद्वेष, बदला लेने की भावना आदि विकृतियों से ग्रसित हो रही…
जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी परम पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी जैसी महान गुरु की महान शिष्या प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकरात्न श्री चंदनामती माताजी का विशेष परिचय इस आलेख में आर्यिका श्री स्वर्णमती माताजी दवारा प्रस्तुत किया गया है | पूज्य चंदनामती माताजी वर्तमान युग की वह महान शिष्यारत्न हैं जिन्होंने ११ वर्ष की उम्र से लेकर आज तक सदा गुरुआज्ञा को सर्वोपरि मानकर ख्याति , लाभ , पूजा की भावना से दूर रहकर एक आदर्श उपस्थित किया है , यहाँ उनके विराट व्यक्तित्व को कतिपय शब्दों में बताया गया है |
आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य कभी ये माता पूजन रचती है,कभी विधान रचती है, कभी भजन रचती है,तो कभी आरती लिखती है, भक्ति में प्रभु के वह,मीठे स्वर में गाती है | कभी ये अध्ययन कराती हैं, कभी श्रावक संस्कार कराती हैं, कभी पंचकल्याणक कराती हैं,तो कभी संबोधन देती हैं, आगम के आलोक में…
परम पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के रजतमय पच्चीस वर्ष गुरुभक्त्या भवेदत्र, महारण्ये महत्पुरम्।तत्राभीष्टं फलं चैव, कल्पवल्ल्येव विन्दते।। आर्यखण्ड के गौरवशाली भारतदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि हमें प्राचीन काल से ही तीर्थंकर महापुरुषों, महामनीषियों, महान आचार्यों एवं महान र्आियका माताओं के जीवन से परिलक्षित कराती रही है जिन्होंने न सिर्पक़ इस शस्यश्यामला भूमि…