17.ब्रह्मचर्यरक्षावर्ती!
ब्रह्मचर्यरक्षावर्ती बारहवाँ अधिकार (१) जिन राजाओं की भौं टेढ़ी होने से शत्रू वश होते। उन राजाओं को कामदेव भी अपने वश में कर लेते।। उन कामदेव रूपी योद्धा को बिना शस्त्र के जो जीते। ऐसे शांतात्मा मुनियों को मेरा शत बार नमन होवे।। (२) जो निज शरीर से निरासक्त मुनि की जो…