जीवंधर कुमार की कहानी!
जीवंधर कुमार की कहानी जीवंधर कुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया।जिसके प्रभाव से कुत्ता मरकर देव गती में सुदर्शन यक्षेन्द्र हो गया। उसने वापस आकर जीवंधर कुमार को नमस्कार किया और स्तुति की। एसो पंच णमोयारो , सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं , पढमं हवइ मंगलं। अर्थ- ये पंच नमस्कार मंत्र सब पापों…