दरस करूँगी रतन बिम्ब के
दरस करूँगी रतन बिम्ब के (काव्य सोलह से सम्बन्धित कथा) शैशवावस्था वह सुकोमल तरु है जो इच्छानुसार मोड़ खाकर जीवन को मोड़ के अनुरूप बना लेता है। नदी के किनारे खड़े हुए बड़े-बड़े पेड़ अपना मस्तक ऊँचा उठाकर कहते हैं… हम महान् हैं। किन्तु नदी की एक लहर जब उसकी जड़ को हिला देती है,…