जटायु पक्षी!
जटायु पक्षी सुधा-माताजी! मुझे आज आहारदान का महत्त्व बतलाइये। आर्यिका-सुनो बेटी! मैं तुम्हें बहुत ही सुन्दर एक कथा सुनाती हूँ, जो कि धर्म मेें महान प्रेम और पाप से महान भय उत्पन्न कराने वाली है। श्री रामचन्द्र, सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास में घूमते-घूमते किसी महावन में पहुँच गये। वहाँ लक्ष्मण ने नाना प्रकार…