श्रमण संस्कृति के उन्नायक चा. च. आचार्य श्री शान्तिसागरजी महाराज!
श्रमण संस्कृति के उन्नायक चा. च. आचार्य श्री शान्तिसागरजी महाराज शाश्वत श्रमण संस्कृति ने अपने प्रवाह में अनेक उतार—चढ़ाव का अनुभव किया। भगवान महावीर के मोक्ष गमन के बाद अनेक जैनाचार्यों, श्रमणों ने इसे आगे बढ़ाया। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में तात्कालिक परिस्थितियों एवं धार्मिक सत्तावरोध के कारण दिगम्बर जैन श्रमणों की संख्या में अत्यन्त…