सभी को चिन्तन करना है कुछ लोग सगाई—विवाह आदि आयोजनों में सजावट, खान—पान एवं तड़क—भड़क पर लाखों रूपये पानी की भांति बहाकर पूरे समाज को अन्य समाज के लोगों की नजर में घृणा का पात्र बनाते हैं। क्या यह उचित है ? धार्मिक जुलूस, बारात आदि में औरतें गहनों से लदकर निकलती हैं। सोने—चांदी के…
उनकी कृपा से (काव्य अड़तीस से सम्बन्धित कथा) एक साधारण सा तुच्छ कुत्ता भी जब उन्माद के वशीभूत होकर नगर भर में उत्पात मचा देता है; उसके भयंकर आंतक से हर घर के दरवाजे बन्द हो जाते हैं औरा बाहर निकलना मानो अपने प्राणों से हाथ धोना होता है, तब यदि ऐसा कोई मदोन्मत्त हाथी…
भारतीय वास्तुकला की श्रेष्ठता इतिहास के आरम्भ से ही, प्राचीन भारत में वास्तुकला की संकल्पना मानव प्रयास की एक अभिव्यक्ति के रूप में उभरी है। इसका सैनिक व्यवस्था (किला, खंदक व सुरक्षित बच निकलने के मार्ग निर्माण), नगर नियोजन, गोदी निर्माण, जल संग्रहण व वितरण एवं मल—मूत्र निपटान, व्यवस्था आदि विभिन्न शाखाओं में उत्तरोत्तर विकास…
चक्रवर्ती सनत्कुमार कुरुजांगल देश के हस्तिनापुर नगर में कुरुवंश की परम्परा में चतुर्थ चक्रवर्ती सनत्कुमार हुए जो रूपपाश से खिंचकर आये हुए देवों द्वारा संबोधित हो दीक्षित हो गये थे। आराधना कथाकोश में इनका जीवनवृत्त इस प्रकार है- ये सनत्कुमार चक्रवर्ती सम्यग्दृष्टियों में प्रधान थे। उन्होंने छह खण्ड पृथ्वी अपने वश में कर ली थी।…