आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी का परिचय -एक विराट व्यक्तित्व
परम पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी-एक विराट व्यक्तित्व पथभ्रमित दर-दर भटकते जीव का संबल हो तुम। अध्यात्म की अनुपम मणि, कलिकाल की नवज्योति तुम।। वैराग्य की उत्कृष्ट स्वामिनि, हो स्वयं इतिहास तुम। हे माँ चरण तेरे पखारूँ, स्वयं शारद मात तुम।। जिस प्रकार समुद्र के भीतर रत्नों की अपार राशि भरी पड़ी है…