02. वारसणुपेक्खा
वारसणुपेक्खा (श्री कुन्द्कुंदाचार्यकृत) श्री कुंदकुंद आचार्य द्वारा रचित बारसणुपेक्खा नामके ग्रन्थ से यहाँ द्वादश अनुप्रेक्षाओं का वर्णन प्रस्तुत किया जा रहा है । मंगलाचरण और प्रतिज्ञावाक्य णमिऊण सव्वसिद्धे झाणुत्तमखविददीहसंसारे । दस दस दो दो व जिणे दस दो अणुपेहणं बोच्छे ।।१।। जिन्होंने उत्तम ध्यान के द्वारा दीर्घ संसार का नाश कर दिया है ऐसे समस्त…