आहार मार्गणासार
आहार मार्गणासार जीव के दो भेद हैं—आहारक और अनाहारक। शरीर नामकर्म के उदय से औदारिक आदि किसी शरीर के योग्य तथा वचन, मन के योग्य वर्गणाओं का यथासम्भव ग्रहण होना आहार है उसको ग्रहण करने वाला जीव आहारक है। इसके विपरीत अर्थात् नोकर्म वर्गणाओं को ग्रहण न करने वाले जीव अनाहारक हैं। अनाहारक जीव—विग्रहगति वाले…