तीर्थों का जीर्णोद्धार अतिशय महत्त्वपूर्ण है!
तीर्थों का जीर्णोद्धार अतिशय महत्त्वपूर्ण है अनादि काल से संसार में भ्रमण करने वाले इस प्राणी ने अनन्त दु:खों को सहन किया। एक श्वास में १८ बार जन्ममरण किया। एक अन्तर्मुहूर्त में छ्यासठ हजार तीन सौ छत्तीस बार जन्म मरण किया। इस संसार का नाशक आत्मीय जिनधर्म को स्वीकार नहीं किया। न ही इस धर्म…