अहिंसा, शाकाहार एवं माँ की ममता प्रस्तुति—प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती माताजी भारत के समस्त नागरिक बन्धुओं ! हमारी इस सस्यश्यामला भूमि पर आदिकाल से ही मानव ने आदि ब्रह्मा, परमपिता भगवान् ऋषभदेव के द्वारा सिखाई गई जीवनकला के अनुसार अन्न, फल, सब्जी, मेवा आदि खाद्य पदार्थों को खेतों में अपने परिश्रम द्वारा उत्पन्न कर ‘‘कृषि’’ कला…
हुँमचा (हुंबुज पद्मावती)दि.जैन अतिशय क्षेत्र —ब्र. कु. इन्दू जैन (संघस्थ) श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, हुंबुज पद्मावती जिला सिमोगा में स्थित है। इसका पोस्ट हुम्बुज एवं तहसील हासानगर है। यह शिमोगा से ६० कि.मी. दूर, उडुपी से १२० कि.मी. दूर एवं हरिहर से १२५ कि.मी. दूर अवस्थित है। सड़क मार्ग द्वारा व्हाया शिमोगा, आइनुर, रिपनपेट…
अहिंसा इतिहास के आलोक में महान् अहिंसक वीर का ही कर्तव्य हो सकता है— वही उसे माफ कर सकता है। यह है अहिंसा की महानता, अहिंसा का शौर्य—जो मानव को अमर बना देता है। अत: जो अमर जीवन चाहते हैं वे अहिंसक बनें। अहिंसा में अमरता है और हिंसा में मरण। अहिंसा जयति सर्वथा।…
अहिंसा की वैज्ञानिक आवश्यकता और उन्नति के उपाय महावीर अहिंसा और जैनधर्म तीनों एक दूसरे से इतने अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं कि किसी एक के बिना अन्य की कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। अत: जैन धर्म की उन्नति हेतु अहिंसा की वैज्ञानिकता सिद्ध करना सर्वाधिक सामयिक प्रतीत होता है। स्वामी विवेकानन्द, महात्मा…